बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार जी ने भाजपा की ओर से लगाये गये पोस्टर जिसमे उनको गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ दिखाया गया था, से नाराज हो गये, ( अपने को धर्मनिरपेक्ष जताने के लिये ) और बयान दे डाला कि " कोसी नदी में आई बाढ़ के वक्त गुजरात से मदद स्वरुप मिला धन सूद सहित वापस कर देंगे।" कितना घिनौना स्वरुप है यह राजनीती का। नितीश जी के इस बयान से उनकी मौकापरस्ती, संकीर्ण मानसिकता का पता चलता है। इस बयान से यह भी पता लगता है कि वे एक जननेता नही बल्कि दलविशेष के दल नेता हैं। कहीं भी किसी भी प्रकार की आपदा आने पर संवेदनशील व्यक्ति अपने सामर्थ्य के अनुसार मदद करता है। कोई भी मदद लेकर बाद में किसी अनबन के कारण ली गयी मदद को सूद सहित वापस करने कि बात नहीं करता, अगर करता है तो ऐसा व्यक्ति संवेदनहीन ही कहलायेगा।
धन्य हैं गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी जिन्होंने गुजरात में आये भूकंप में बिहार से मिली सहायता को सहर्ष स्वीकार किया था और अब बिहार के लोगों को उनके द्वारा दी गयी सहायता का धन्यवाद भी कर रहे हैं। श्री नरेन्द्र मोदी जी जैसे नेता ही जन नेता की श्रेणी में आते हैं।
श्री नितीश कुमार जी से निवेदन है कि वे अपनी कुंठित मानसिकता एवं चोंचलेबाजी का त्याग करें जिससे वे एक सफल जन नेता कहला सकें।
वन्दे मातरम------
भारत माता कि जय------
are ye bjp ki madad se malai to kha lenge par bjp ke netao se itni nafrat karte hai jiase ki...........|
जवाब देंहटाएंsab janta ke samne dhong faila raha hai..