गुरुवार, 13 मई 2010

हिंदुत्व

आज भारत के अधिकाँश नागरिक और विश्व के अन्यान्य देशों के नागरिक जो हिंदुत्व से अनभिग्य हैं, प्रायः हिन्दू और हिंदुत्व का अर्थ साम्प्रदायिकता समझते हैं। भारत में तो हिंदुत्व एक राजनैतिक नारा समझा जाने लगा है। वोट की राजनीति में राजनीतिज्ञों ने अपने अनर्गल प्रलाप द्वारा भारतीय जनमानस में हिंदुत्व को लेकर एक भ्रमपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है।

भारत के प्राचीन ग्रंथों में उल्लिखित है--

आसिंधो: सिन्धुपर्यन्ता यस्य भारत भूमिका ।
पितृभू: पुन्यभूश्रैव स वै हिंदुरीति स्मृत: ॥

अर्थात जो सिन्धु नदी से लेकर सागर (कन्याकुमारी) तक विस्तृत इस भारत भूमि को अपनी पितृ-भूमि और पुण्य-भूमि मानता है, वह हिन्दू है।

प्राचीन काल से चली आ रही किसी सामजिक व्यवस्था को मानने वाले समूह को संप्रदाय कहते हैं। जैसे सनातन धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म आदि। ये सब भिन्न-भिन्न संप्रदाय हैं, इनकी अपनी-अपनी पूजा पद्धति है, पर एक व्यापक दृष्टि में ये सभी केवल हिन्दू हैं। विभिन्न दार्शनिक दृष्टिकोण एवं सैद्धांतिक मतभेदों के रहने पर भी सांस्कृतिक परंपरा की गति में किसी प्रकार का अवरोध नहीं पड़ता। आत्म-कल्याण के साधनों में विविधता होने पर भी सार्वजनिक हित की भावना पर किसी प्रकार की ठेस नहीं लगती। इन सब सम्प्रदायों की यही राष्ट्रीयता की भावना ही हिंदुत्व है।

हिन्दू न तो साम्प्रदायिक है और न ही हिंदुत्व साम्प्रदायिकता है। हिंदुत्व एक सागर है, जिसमे भिन्न-भिन्न सम्प्रदाय रुपी नदियाँ आकर विलीन हो जाती हैं। तरंगों में लहराती हुई समुद्र की शोभा बढ़ाती हैं और सागर की ही महत्ता के गुणगान करती हैं।

हिंदुत्व एक आदर्श भारतीय राष्ट्रीय समाजवाद है, जिसने समस्त भारतीय समाज को एक सूत्र में आबद्ध कर रखा है। हिंदुत्व साम्प्रदायिकता नहीं राष्ट्रीयता है।

हिंदुत्व विश्व की एक प्राचीन सर्वकल्याणकारी, सर्व सामर्थ्य मय और सम्पूर्ण संस्कृति है।

वन्देमातरम----

भारत माता कि जय--------

1 टिप्पणी:

  1. Brilliant! is the first thing which comes to my mind after reading this. Bhaiji your rhythm is in full flow now. Keep it up. The article perfectly enunciates the veritable meaning of Hindutva. Outstandin effort.

    In simple words, Hindutva is a spiritual and economic philosophical system developed i ancient India which secures happiness,sense of security,moralistic freedom, ethical lifestyle to all individuals irrespective of religion, community etc.
    Hindutva is the essence of 'Hindustaan' and are inseparable.
    I am proud to be a Hindu and religiously cherish and boast of being a HINDU. Kailash Shukla

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