अम्मा छुपा लो मुझको अपने आँचल में........
सुला दो अपनी वही मीठी लोरी सुनाकर.....
भूत पिशाचों से भरी इस दुनिया में कुछ ही अच्छी बातें हैं....
तुम, तुम्हारी सुनाई कहानियाँ..... और मीठी लोरी.....
तुम्हारा हिस्सा हूँ मैं.... तुम्हारा ही अंश हूँ.....
तुम्हारे बारे में तो बहुत कुछ कहना है पर अभी नही....
अभी मुझको तुम्हारे आँचल की नर्म हवा....
तुम्हारी मीठी मुस्कान
तुम्हारा ममत्व से परिपूर्ण स्पर्श चाहिये....
नही छोडना चाहता इसे मैं..... कतई नही.... कभी नही.... और क्यों छोडूं
कौन है तुम जैसा जो मुझे ये सब दे सके.....
आओ अम्मा..... आओ.......